IND VS SA भारत और साउथ अफ्रीका के बीच पहला ओडियायी मैच
.jpeg)
जीवन परिचय _
जन्म के संबंध में प्रचलित दोहा
चौदह सौ पचपन साल गए चंद्रवार एक ठाट गए।
जेठ सुदी बरसाई को पुरान मासी प्रगट भए।।
कबीर दास भारतीय संतों और साहित्यिकों में से एक थे। उनका जन्म सन् 1440 ईस्वी में वाराणसी जिले के काशी नगर में हुआ था। कबीर दास के माता-पिता के बारे में कम जानकारी है, लेकिन विश्वास किया जाता है कि उनके पालन-पोषण संत मातामृता तारा जी के द्वारा किया गया था।
कबीर दास ने अपने जीवन के दौरान विभिन्न धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को उठाया और लोगों को धार्मिक भ्रमों से मुक्ति के लिए उनकी उचित मार्गदर्शन किया। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से जनसाधारण के बीच अपने दर्शनों और अनुभवों को साझा किया।
कबीर दास की कविताओं में सामाजिक न्याय, अन्तरात्मा का आदर्श, भक्ति, जीवन के मूल्यों का महत्व आदि के विषयों पर विचार व्यक्त किए गए हैं। उनकी कविताओं में सरलता, संगठन, और प्रभावी भाषा का प्रयोग किया गया है। उनकी कविताओं का प्रभाव आज भी दिलों में बसा हुआ है और वे आधुनिक भारतीय साहित्य के महान धार्मिक संतों में गिने जाते हैं।
कबीर दास की जीवनी का विस्तृत वर्णन करना यहां संभव नहीं है, लेकिन उनकी रचनाओं का अध्ययन करने के द्वारा आप उनके दर्शन, विचार और जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझ सकते हैं।
टिप्पणियाँ