संदेश

जून, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

IND VS SA भारत और साउथ अफ्रीका के बीच पहला ओडियायी मैच

चित्र
IND VS SA  भारत ने साउथ अफ्रीका को 8विकेट से  हरा दिया। भारत बनाम साउथ अफ्रीका मैच हाइलाइट भारत vs साउथ अफ्रीका Cricket match IND VS SA #SPORT  भारत ने साउथ अफ्रीका से 8 विकेट से जीता ।  भारत vs साउथ अफ्रीका के बीच 3ओडियायी मैचों की श्रृंखला में भारत ने साउथ अफ्रीका को अपने पहले मैच में 8 विकेट से हराया । जो की यह एक बहुत बड़ी जीत थी।इस जीत के चलते अब भारत इस 3 मैचों की श्रृंखला में एक शून्य से आगे है। टास  साउथ अफ्रीका ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। साउथ अफ्रीका पहली पारी 116/10 (27.3) ओवर साउथ अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के खिलाफ मात्र 27.3 वोवर में 116 रन ही बना पाई  टोनी डे जोर्जी 28(22) Markaram 12(21) Phehlukwayo 33(49) अर्शदीप 5/37(10 ) आवेश 4/28(8) कुलदीप 1/3(2.3) भारत दूसरी पारी 117/2(16.4) वोवर साईं सुदर्शन 55(43) श्रेयस अय्यियर 52(45) भारत ने इस छोटे से लक्ष्य का पीछा करते हुए इस लक्ष्य को आसानी से मात्र दो विकेट के नुकसान पर प्राप्त कर लिया।

Delhi ke bare me jankari in hindi

 दिल्ली भारत की राजधानी है और यह भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में स्थित है। यह भारतीय राज्य दिल्ली और न्यू दिल्ली का मिश्रण है, जो एक प्रशासनिक और संगठनात्मक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। दिल्ली भारत की अर्थव्यवस्था, राजनीति, कला, संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण केंद्र है। यह एक व्यस्त महानगर है जिसमें विभिन्न धर्मों, भाषाओं, संस्कृतियों और जातियों के लोग रहते हैं। दिल्ली का इतिहास बहुत पुराना है और इसे इंद्रप्रस्थ, पाण्डवों की राजधानी, मुग़ल साम्राज्य की दिल्ली, और ब्रिटिश शासन की दिल्ली के नाम से भी जाना जाता है। दिल्ली आगरा मोटरवे और दिल्ली जयपुर मोटरवे जैसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मार्गों के संपर्क में है। इसका इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI) भारत का सबसे बड़ा और व्यस्ततम हवाई अड्डा है। यहां से आप अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों से जुड़ सकते हैं। दिल्ली में कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं जैसे कि लाल किला, इंडिया गेट, कुतुब मीनार, हमायूं का मकबरा, राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रीय राजघाट, जामा मस्जिद, लोटस मंदिर, इत्तला आदि। इसके अलावा, दिल्ली में बहुत सारी बाजारें हैं जह...

Sukhdev Singh ke bare me jankari in hindi

 सुखदेव सिंह (Sukhdev Singh) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों में से एक थे। उनका जन्म 15 मई 1907 को पंजाब के नंगल कलां (Nangal Kalan) गांव में हुआ। सुखदेव सिंह ने भागत सिंह और राजगुरु के साथ मिलकर हिंदुस्तानी नौजवान सभा की स्थापना की थी, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन युवा सभा की भी स्थापना की थी, जो गरीबी, सामाजिक न्याय और स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए जुटी थी। सुखदेव सिंह, भागत सिंह और राजगुरु कोलांवाला ने 23 मार्च 1931 को लाहौर में सुखदेव के छात्र होने और स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई। सुखदेव सिंह ने ब्रिटिश राज के खिलाफ अपने अंतिम शब्दों में वीरगति प्राप्त की। उनके साहस, कर्तव्यनिष्ठा और बलिदान को याद करके उन्हें भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की गरिमा का प्रतीक माना जाता है।

Dr bhim rav ambedakar ke bare me jankari in hindi

Bhagat Singh ke bare me jankari in hindi

 भगत सिंह (Bhagat Singh) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अंग्रेज़ी साम्राज्यवाद के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हे भारतीय इतिहास में वीर शहीदों में गिनती जाती है। जन्म और परिवार: भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर (अब पाकिस्तान में शहीद भगत सिंह नगर के नाम से जाना जाता है) में हुआ। उनके पिता का नाम श्री किशन सिंह और माता का नाम वीद्यावती था। उनका परिवार सरकारी कर्मचारी था। क्रांतिकारी जीवन: भगत सिंह के विचारों में विचारधारा का प्रभाव उनके भई लच्छ्मण डसाध और दादा आदित्य किशोर सरकार ने डाला था, जिन्होंने उन्हें राजनीतिक और सामाजिक विचारधारा में प्रशिक्षण दिया। भगत सिंह ने हिंद सेना के सदस्यों की तैयारी की और स्वतंत्रता संग्राम सेना की स्थापना में भी योगदान दिया। उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट युवा सभा की स्थापना भी की, जो क्रांतिकारी युवाओं को एकत्रित करने और आंदोलन को संगठित करने का कार्य करती थी। शहादत: 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर के कांटा नामक स्थान पर फाँसी की सजा सुनाई गई। उन्होंने अंग्रेज़ी सरकार के ख...

Bal Gangadhar Tilak ke bare me jankari in hindi

 बाल गंगाधर टिलक (Bal Gangadhar Tilak) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय नेता थे। वह 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में जन्मे थे और 1 अगस्त, 1920 को मुंबई में निधन हुए। टिलक ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की अग्रणी भूमिका निभाई और उन्हें "लोकमान्य" का ताज प्राप्त हुआ। टिलक को महात्मा गांधी के साथ-साथ भारतीय नेतृत्व के पहले तीन स्तंभों में से एक माना जाता है। उन्होंने स्वराज की मांग को लोगों तक पहुंचाने के लिए ग्रामीण भाषा मराठी का प्रयोग किया और "स्वराज्य हमारी जन्मसिद्ध अधिकार है, और हमें उसे प्राप्त करना होगा" जैसे प्रसिद्ध नारे दिए। उनका एक और महत्वपूर्ण नारा था "तिलक तराजू" जिसका अर्थ था कि धार्मिक एकता के लिए सभी धर्मों के प्रतिनिधि बाल गंगाधर टिलक ने एकत्र कर लिए हैं। टिलक को महाराष्ट्र की आन्दोलनात्मक विचारधारा का प्रवर्तक माना जाता है, जिसे "तिलकवाद" कहा जाता है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी अहम योगदान दिया और 1894 में दहेज प्रथा के खिलाफ विरोध करने के लिए "श्रीमंत पुरुष" नाटक लिखा। टिलक को ब्रिटिश सरकार द्...

Lala Lajpat Rai ke bare me kuchh jankari in hindi

 लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी और राजनेता थे। उन्हें देशभक्ति और स्वतंत्रता के लिए उनके योगदान के लिए याद किया जाता है। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मशहूर नेता थे और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ नारी सत्याग्रह, आंदोलन और स्वदेशी आंदोलन की अगुवाई की। लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी, 1865 को पंजाब के जीला जिंद में हुआ। उन्होंने अपनी पढ़ाई जींद, लाहौर और फिलादेल्फिया में की। उन्होंने विभिन्न विषयों में स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधियाँ प्राप्त कीं। लाला लाजपत राय को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में गहरी रुचि थी और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ स्वदेशी आंदोलन की अगुवाई की। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेता थे और स्वतंत्रता की मांग को बढ़ावा देने के लिए जनसभाओं में भाषण देते थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई और उन्हें 'पंजाब केसरी' भी कहा जाता था। लाला लाजपत राय को ब्रिटिश सरकार द्वारा उनकी गतिविधियों को अस्वीकारित किया गया और उन्हें कई बार जेल भेजा गया। उन्होंने स्वतंत्रता के लिए जान की परवाह किए बिना लोहा लेने के...

सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे में

 सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे में कुछ जानकारी  सरदार वल्लभ भाई पटेल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय नेता थे। उनका जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को गुजरात राज्य के नडियाद नामक स्थान पर हुआ था। उन्होंने वकीली की शिक्षा प्राप्त की और स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई। सरदार पटेल को "आधुनिक भारत के निर्माता" के रूप में जाना जाता है। सरदार पटेल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय गांधीजी के अग्रणी साथियों में से एक के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवा की, जिनमें उपाध्यक्ष, उच्चाध्यक्ष और गृहमंत्री शामिल थे। सरदार पटेल ने स्वतंत्र भारत के गठन के बाद एकीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे देश की विभाजित राजनीति को समेटने के लिए "एक देश, एक प्रशासन, एक न्याय" के आदर्श के साथ कार्य किया। उन्होंने भारतीय राज्यों को एकत्र करने के लिए विभाजन की दीवारों को नष्ट किया और संघीय संरचना की स्थापना की। सरदार पटेल को "लौह पुरुष" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता के लिए अपनी सामरिक...

Maha rana pratap ke bare mein jankari

 महाराणा प्रताप, जिनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह था, एक प्रसिद्ध राजपूत योद्धा और मेवाड़ के 13वें महाराणा थे, जो आज के राजस्थान, भारत में स्थित थे। उनका जन्म 9 मई 1540 को राजस्थान के कुंभालगढ़ में हुआ था, और उन्होंने 1572 से अपनी मृत्यु के दिनांक 29 जनवरी 1597 तक मेवाड़ का शासन किया। राणा प्रताप बहादुरता, देशभक्ति और मुग़ल सम्राट अकबर के सेनाओं के खिलाफ संघर्ष के प्रतीक के रूप में याद किए जाते हैं। वह भारतीय इतिहास में महान राजपूत योद्धाओं में से एक माने जाते हैं। हल्दीघाटी के युद्ध में उनकी अविचल लड़ाई एक महान धृतिमान और संकल्प की कहानी बन गई। उनके शासनकाल में, राणा प्रताप को मुग़ल साम्राज्य से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। शक्तिशाली मुग़ल सम्राट अकबर, अपने साम्राज्य का विस्तार करने और मेवाड़ को अपने नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि, राणा प्रताप ने समर्पण नहीं किया और अपने साम्राज्य की रक्षा के लिए कठोरता से लड़ाई दी। उन्होंने 1576 में हल्दीघाटी के युद्ध में हार जाएँ थीं, लेकिन मुग़लों के खिलाफ गुएरिला युद्ध तकनीक का प्रयोग जारी रखा। महाराणा प्रताप की राजधानी क...

KABIR DAS KA JIVAN PARICHAY

आइए जानते है एक महान समाज सुधार और कवि संत कबीर दास जी महाराज के बारे में  जीवन परिचय _                       जन्म के संबंध में प्रचलित दोहा   चौदह सौ पचपन साल गए चंद्रवार एक ठाट गए। जेठ सुदी बरसाई को पुरान मासी प्रगट भए।। कबीर दास भारतीय संतों और साहित्यिकों में से एक थे। उनका जन्म सन् 1440 ईस्वी में वाराणसी जिले के काशी नगर में हुआ था। कबीर दास के माता-पिता के बारे में कम जानकारी है, लेकिन विश्वास किया जाता है कि उनके पालन-पोषण संत मातामृता तारा जी के द्वारा किया गया था। कबीर दास ने अपने जीवन के दौरान विभिन्न धार्मिक और सामाजिक मुद्दों को उठाया और लोगों को धार्मिक भ्रमों से मुक्ति के लिए उनकी उचित मार्गदर्शन किया। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से जनसाधारण के बीच अपने दर्शनों और अनुभवों को साझा किया। कबीर दास की कविताओं में सामाजिक न्याय, अन्तरात्मा का आदर्श, भक्ति, जीवन के मूल्यों का महत्व आदि के विषयों पर विचार व्यक्त किए गए हैं। उनकी कविताओं में सरलता, संगठन, और प्रभावी भाषा का प्रयोग किया गया है। उनकी कविताओं क...

भारत में दस महान पुरुषों के बारे में जानकारी हिंदी में यहां दी गई है:

भारत में दस महान पुरुषों के बारे में जानकारी हिंदी में यहां दी गई है: महात्मा गांधी: स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रपिता और भारतीय अद्यतन के पिता के रूप में महात्मा गांधी को मान्यता प्राप्त है। उन्होंने अहिंसा और असहिष्णुता के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रचार किया। जवाहरलाल नेहरू: प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले अध्यक्ष के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर: डॉ. भीमराव आंबेडकर एक सामाजिक सुधारक, विचारशील और न्यायशास्त्री थे। उन्होंने भारतीय संविधान का मुख्य लेखक और निर्माता के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भगत सिंह: भगत सिंह एक वीर शहीद थे, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपने वीरगति को प्राप्त किया। उनके धैर्य, बहादुरी और प्रेरणादायी वचन भारतीय युवाओं के बीच महानता के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है। सरदार वल्लभभाई पटेल: सरदार वल्लभभाई पटेल एक भारतीय राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्हें "लौह पुरुष" के रूप ...

दो जून की रोटी मुहावरा का मतलब

दो जून की रोटी मुहावरे के बारे में जानकारी   दो जून की रोटी का जून के महीने से कोई मतलब नहीं है। यह एक मुहावरा है  इसके बारे में यह भी पुष्टि नहीं हो पाई की यह कब और कहा से इसकी उत्पत्ति हुई है  लेकिन इसका साब्दिक अर्थ कुछ अलग ही है । बचपन में पढ़ी गई किताबो में हमने बहुत से ऐसे_एसे मुहावरे पड़े जो जीवन की गहराइयों तक जाते है। ऐसा ही एक मुहावरा दो जून की रोटी भी है । विक्रम विवि के कुलानुशासक शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि यह भाषा का रूढ़ शब्द है । लगभग लगभग माना जाय तो इसका प्रचलन 600 सालो से है। किसी घटना को विशेष तौर से कहने या बताने के तरीके को मुहावरा कहते है।जो तब से शुरू होकर आज तक भी जारी है। अलग अलग समय पर अलग अलग विद्वानों अपने हिसाब से अलग अलग प्रतिक्रिया दी है  लेकिन दो जून की रोटी का मतलब दो जून का मतलब होता है समय जैसे सुबह और शाम  दो जून एक अवधि भाषा का शब्द है जिसका साब्दिक अर्थ होता है समय  इस तरह दो जून की रोटी का मतलब दोनो समय का भोजन है।

सावरकर के बारे में कुछ जानकारी

विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रवादी और लेखक थे। उन्हें 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक जिले में जन्मा गया था। सावरकर ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और विभाजन के समय एक चर्चित राष्ट्रीय आंदोलनकारी बने। सावरकर को "हिंदू मात्रभूमि और हिंदू संस्कृति के पिता" के रूप में जाना जाता है। उनके द्वारा लिखित कई पुस्तकें हैं, जिनमें से "क्रीड़ार्थ" और "हिंदुत्व" प्रसिद्ध हैं। उन्होंने हिंदुत्व की परिभाषा दी और राष्ट्रवादी चिंतन को मजबूत किया। सावरकर ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद की और राष्ट्रीय स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना समर्थन दिया। उन्होंने अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर विद्रोह, सत्याग्रह और आतंकवाद के तत्वावधान में कार्रवाई की। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की। सावरकर की विचारधारा और उनके सामरिक योगदान के कारण वे एक विवादास्पद व्यक्ति भी थे। कुछ लोग उन्हें राष्ट्रवादी और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में मान्यता देते ...

महान क्रांतिकारी भगत सिंह के बारे में कुछ जानकारी

 आइए जानते हैं महान क्रांतिकारी भगत सिंह के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी  भगत सिंह: अदालत में फांसी की सजा, राष्ट्रीय हीरो का बलिदान। युवा स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की शहादत को याद कर रहा देश। विदेशी वस्त्र बन्दी और जलियांवाला बाग: भगत सिंह की संघर्षपूर्ण जीवनी। भगत सिंह: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान सरदार। भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण व्यक्ति: भगत सिंह। भगत सिंह: जवान विद्रोह के महान योद्धा। देशभक्ति के प्रतीक: भगत सिंह की जयंती मनाई गई। आजादी के लिए बलिदान: भगत सिंह की अमर गाथा। भगत सिंह: युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत। भगत सिंह: अपने देश के लिए लड़ते रहे अंतिम सांस तक। गत सिंह (Bhagat Singh) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अपने महान योगदान के लिए प्रसिद्ध हुए। उन्हें 28 सितंबर, 1907 को पंजाब के जिला लायलपुर (अब पाकिस्तान में) में जन्मा गया था। उनके पिता का नाम सरदार किशन सिंह और माता का नाम विद्यावती देवी था। भगत सिंह ने जवान विद्रोह (युवा विद्रोह) की शुरुआत की और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन में अपना समर्पण किया। उन्हों...

चौधरी चरण सिंह की कुछ यादें

चौधरी चरण सिंह की स्मृति में उनकी कुछ यादें। चौधरी चरण सिंह एक किसानों के बहुत बड़े नेता थे । चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) भारतीय राजनेता थे और भारतीय किसान आंदोलन के मजबूत समर्थक रहे हैं। उनका जन्म 23 दिसंबर, 1902 को हुआ था और मृत्यु 29 मई, 1987 को हुई। चौधरी चरण सिंह ने देश के प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर बैठने का गर्वित अवसर भी प्राप्त किया। चौधरी चरण सिंह का जन्म स्थान उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के नगर गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम चौधरी नीकट सिंह था। वह छः भाईयों में से एक थे। चौधरी चरण सिंह ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदस्यता की शुरुआत 1928 में की थी। उन्होंने भारतीय किसानों की मुश्किलों को समझते हुए उनकी मदद करने के लिए अपने पूरे जीवन को समर्पित किया। उन्होंने खेती और किसानों के मुद्दों पर कई किताबें लिखीं और भारतीय किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। चौधरी चरण सिंह ने कृषि मंत्रालय का कार्यकाल भी संभाला और देश के प्रधानमंत्री के रूप में भी काम किया। उन्होंने किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए कई नीतियों को लागू किया और गरीब किसानों के लिए सशक्ति...

Gujarat ke bare me jankari

  गुजरात भारत का एक राज्य है जो पश्चिमी भारत में स्थित है। यह भू-भौतिक रूप से विविधताओं से भरा हुआ है और समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। इसकी राजधानी गांधीनगर है। यहां अनेक पर्यटन स्थल हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं: सोमनाथ मंदिर: यह भारत के सबसे पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक पर्यटन स्थल है। यह मंदिर उज्जैन और ओंकारेश्वर के बाद तीसरा सबसे पुराना ज्योतिर्लिंग है। द्वारका: यह गुजरात के पश्चिमी तट पर स्थित है और श्रीकृष्ण के मशहूर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। राणी की वाव: यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, जो पटना शहर के निकट स्थित है। यह भारतीय स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण है और यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। सपुतारा: यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो आरामदायक माहौल, प्राकृतिक सौंदर्य और शांति के लिए जाना जाता है। यह पर्वतीय पर्यटन स्थल है और मौसम के दौरान पानी से घिरा हुआ है। गिर वन: यह गुजरात में स्थित एक वन्य जीव अभयारण्य है और भारत की गिर लैयोन (एशियाई सिंह) के लिए प्रसिद्ध है। गुजरात खानपान में भी विविधता दिखाता है। गुजराती ख...

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बारे में जानकारी:

 ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बारे में जानकारी: अवुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (A. P. J. Abdul Kalam) एक भारतीय वैज्ञानिक, राष्ट्रपति और महान विचारक थे। उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम में हुआ। उनके पिता का नाम जैनुलाबदीन था, जो एक बेसिक इमाम और उच्च शिक्षा अधिकारी थे। अब्दुल कलाम ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने पहले "साइंटिस्ट/इंजीनियर स्टाफ" के रूप में काम किया और बाद में ISRO के निदेशक (चेयरमैन) बने। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब्दुल कलाम को 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। उनकी प्रशासनिक क्षमता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें एक प्रशंसित और प्रिय राष्ट्रपति बना दिया। अब्दुल कलाम को "मिसाइल मैन" के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने भारत की बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को मजबूत और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। अब्दुल कलाम को एक प्रेरणास्रोत के रूप में भी मान्यता है। उन...

लाल बहादुर शास्त्री के बारे में जानकारी

  लाल बहादुर शास्त्री के संहर्ष बारे में जानकारी लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ। उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद शास्त्री था, जो एक स्कूल अध्यापक थे। लाल बहादुर शास्त्री ने गांधीजी की सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया और जेल में भी बंद रहे। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विभिन्न जिम्मेदारियों को संभाला और कांग्रेस के नेतृत्व में अहम भूमिका निभाई। लाल बहादुर शास्त्री ने 1964 में प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। उनकी कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं, जैसे कीसानों की उपज की कीमतों के मुद्दे पर 'जय जवान, जय किसान' का नारा दिया गया, जिसके अंतर्गत कृषि सेक्टर की सुधारों पर ध्यान दिया गया। लाल बहादुर शास्त्री ने भारत-पाकिस्तान युद्ध (1965) के समय भारतीय सेना के साथ मुख्य नेता के रूप में काम किया और उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने जबरदस्त जवाब दिया। हालांकि, उनका आचारण विदेशी यात्रा के दौरान मौत के कारण हुआ। उनकी मृत्यु 11 जनवरी, 1966 को तशकंद (अब उत...